My Painful Poem...!!!
आज सब ख़ामोश हैं
सिसकियाँ गूँजे हवाओं में
है ऐसा क्यों...???
क्या कोई अपना नही
दूरी मजबूरी तो बन गई
है ऐसा क्यों...???
दूर जो है क्या अपना नहीं
दर्द जिसे होता है सगा नहीं
है ऐसा क्यों...???
दलित है या है अबोध
कर्रा रहाँ हैं दर्द से परेशान
है ऐसा क्यों...???
आज खड़े हुए चुप हैं सभी
मौत के भी सौदागर बाँधें हाथ
है ऐसा क्यों...???
भले अस्मत लुटी या दौलत
सब लूटा कर भी जान न बचीं
है ऐसा क्यों...???
स्वर फूटा ना ही मौन रहे
नोचता हर जिस्म कोरोना
है ऐसा क्यों...???
उनके घर का मोभी चुप हैं
बाप के कँधे बेटे के जनाज़े
है ऐसा क्यों...???
PPE में घूँटता है दम
फ़िर भी खड़े पैरों ख़िदमत
है ऐसा क्यों...???
न शब का पता न सहर
चारों प्रहर खड़े हैं दाक़तर
है ऐसा क्यों...???
प्रभुजी भी ख़फ़ा इन्सान से
इन्सान गिड़गिड़ाता प्रभुजी को
है ऐसा क्यों...???
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