उंगली तेरी पकड़ चला मैं, कब पैरों पर खड़ा हुआ।
तेरी ममता की छाया में, जाने कब में बड़ा हुआ।।
प्यारी झिटकी, डांट, पिटाई, आज भी सब कुछ वैसा है।
मैं ही मैं हूँ आँख में तेरी, प्यार ये तेरा कैसा है।।
सीधा-साधा, भोला-भोला, मैं ही सबसे अच्छा हूँ।
कितना भी हो जाऊं बड़ा पर, आज भी तेरा बच्चा हूँ ।।
दुनियाँ कहती कि राम भजो, मैंने तुझको ही राम कहा।
सब कोई कहैं मॉम और मम्मा, माँ मैने तुझे माताराम कहा।।