🌻सूर्यप्रिया🌻
सूर्य प्रिया, सूरजमुखी
समझा दो यह भेद सखी,
ग्रीष्म ज्वाल में भी तप करतीं
पढ़े कौनसे वेद सखी?
भरी दुपहरी में सूरज संग
खुल्लम-खुल्ला नयन लड़ातीं,
जिससे हम लुकछुप कर फिरते
उस संग दिनभर रास रचातीं ,
वह निर्दय जितना ताप बढ़ाता
तुम उतना ही खिलखिल जातीं ।
देखो हम भस्म हुए जाते
होता तुम्हें ना खेद सखी ?
पढ़े कौनसे वेद सखी ?
:नीलम वर्मा