जिंदगी चार पल की है खूबसूरत बनाइये जरूर।
जो रूठे गए थे कभी तुमसे उन्हें मनाइये जरूर।
कोशिश करो कि मुस्कुराते हुए बीते ये जिंदगी।
जहां भी मिले खुशियाँ खोज कर लाइये जरूर।
ये न सोचो कि कौन अपना है और कौन पराया ।
दुश्मन भी राह में मिल जाये तो मुस्कुराइए जरूर।
कभी हम ये न सोचें कि वो हमसे खुद बात करें।
गलत फ़हमियों से टूटे रिश्तों को बचाइए जरूर।
कुछ शब्द कुछ बातें जो कभी तुम कह न पाए।
मन में न रखो कभी दिल खोल के कहिए जरूर।
ये वक़्त है साहब कभी किसी इंतज़ार नहीं करता ।
क्या खोया क्या पाया मेरे बाद सुनाइये जरूर।
मुझे तो और कुछ याद नहीं है "अर्जुन" क्या करूँ।
अगर आपको मौका मिले तो इधर आइए जरूर।
-Arjun Allahabadi