कभी सब कुछ अच्छा होता है,
तो कभी वक़्त बदल जाता है ।
कभी सब कुछ मिल जाता है,
तो कभी इंसान बिछड़ जाता है।
कभी वक़्त-वक़्त पर रिश्तों
का अंदाज बदल जाता हैं ।
कभी कह दिया अपना ,
तो कभी कर दिया पराया।
दिन और रात की तरह ज़िंदगी
का अहसास बदल जाता है ।
आशा सारस्वत