Hindi Quote in Story by नवीन एकाकी

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जब पहली बार रामभवन ने अपने बेटे राजन को एक फौजी की वर्दी में देखा था तो उसका सीना गर्व से तन कर चौड़ा हो गया था। उसका वो फौज में भर्ती होकर देश की सेवा करने का एक अधूरा सपना था जो उसके बेटे ने पूरा कर दिया था।

उसदिन कितना फब रहा था राजन वर्दी में...आज भी उतना ही फब रहा है...अभी कुछ दिन पहले ही तो जल्दी ही आने का वादा करके गया था और आज उसने अपना वादा पूरा कर दिया। वो आ गया था पर आज वो अकेला नही आया था, उसके दोस्त उसे अपने कंधे में उठाकर लाये थे आखिर काम ही ऐसा किया था उसके राजन ने। फ़र्ज़ की राह में देश के लिए आतंकवादियों से लोहा लेते लेते वो शहीद हो गया था। हरतरफ उसकी जयजयकार हो रही थी, उसके नाम से सारा आसमान गूंज रहा था। हजारों की भीड़ की आंखों में गर्व के आंसू लहक रहे थे, गुस्से की आग से सीने दहक रहे थे।

उसका राजन अपनी वर्दी में सजा हुआ आंखे बंद किये लेटा हुआ था मानो काफी थक के गहरी नींद में सो गया हो जैसे, देश की आन सम्मान वो तिरंगा झंडा राजन के सीने से लिपट कर रामभवन के सीने को और चौड़ा कर रहा था। रामभवन का बूढा शरीर कांप रहा था, वो एकटक अपने राजन के चेहरे को निहारे जा रहा था, अपने हाथों की काँपती उंगलियों से कभी राजन के माथे को सहलाता तो कभी उसके गालों को, कभी कभी उसके उस सीने की जगह को जँहा आतंकवादियों ने अपनी बंदूक से बारूद भर दिया था।

आंसू ठिठक से गये थे उसकी पलको पर, उसका अधूरा सपना पूरा करके उसका राजन उसे ज़िन्दगी भर के लिए गौरान्वित होने का मौका देकर अपने देश के लिए अपने को समर्पित कर चला गया था दूर... बहुत दूर...वो शहीद हो गया था अपने वतन के लिए, अपनी भारत माँ के लिए।

अचानक रामभवन के पलकों पे ठिठके आँसू की एक बूंद निकली और राजन के चेहरे पर जा गिरी मानों उसे आखरी बार चूम कर कह रही हो....अलविदा! मेरे बेटे....आसमान अभी भी नारों से गुंजायमान था...जब तक सूरज चाँद रहेगा....रामभवन के होंठो ने जुम्बिश की....मेरे बेटे का नाम रहेगा।

#जय हिंद 🇮🇳 #जय हिंद की सेना 🇮🇳 #सलाम है आपको 🇮🇳

#एकाकी 🙏🏻

Hindi Story by नवीन एकाकी : 111688339
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