गीत
उत्सव आया द्वार ❤️❤️
धर कर रंग-रंगीला रूप उत्सव आया द्वार
मौसम की मीठी अंगङ़ाई होली का त्यौहार।
हंसी-ठिठोली नोंक-झोंक से
महका गया सारा परिवेश
मिलन की मस्ती चहक उठी
साजन पहूंचे अपने देश
गौरी हर्षित हो रही पाकर मनचाहा उपहार
मौसम की मीठी अंगङ़ाई होली का त्यौहार।
पानी में घुल गई मोहब्बत
अंग-अंग अब रास रचाए
हां,राधा से प्रीत निभाने
कान्हा बरसाने में आए
मुरली की धुन करती है हर गोपी से पत्राचार
मौसम की मीठी अंगङ़ाई होली का त्यौहार।
हर आंगन में रंग प्रेम का
जादू अपना दिखलाएगा
पिचकारी के रंग पेन से
प्रेम ग्रंथ फिर लिखवाएगा
गणित काम न आये कोई दिल का है व्यापार
मौसम की मीठी अंगङ़ाई होली का त्यौहार ।
डॉ पूनम गुजरानी
सूरत