हृदयवेदना अविरल चीड़ सी पीड़ा
कुंज की कुंठित अप्रश्फुटित बेल सी
सुकोमल आलम्ब को गतिहीन......
मरूधर की मृगमरीचिका
कानन की प्राचीर
आदि अनंत अन्त अधीर.....
काल कवलित तिमिर
निशा धवल सी नीर.........
कपोल कल्पित अंतःकरण
क्षमा यथोचित वीर
शंखनाद सरोजासीन
कालिया मर्दन क्षीर.......
-Arjun Allahabadi