कल गया था उमंग लेके गाव,
प्रकृति को देखकर ढहेर से ही गए मेरे पाव,
जैसे अेवरेस्ट चढ़ा हो ऎशा मेरे दादी का भाव,
लाड- प्यार की नदी और हम जैसे कोई नाव,
माया के बने मानवी खेल गये कैसे कैसे दाव,
मेरा मन बोला क्या देखि तूने पहेले ऎसी छाव,
👉 village experience 😊
-Kuraso