My Meaningful Poem...!!!
ए नादान बंदे ग़ुरूर तुझें
है तो किस बात का हैं
मरने के बाद तेरे अपने भी
छु के तुझें हाथ धोएँगे
जीदगीं भर तूने यहाँ जो भी
जोड़ा-संजोया-छोड़ा है
मिलकर वही आपसी तनाव
के नाम कर झगड़ते रहेंगे
दौलत कर्मो की जो तूँ साथ ले
कर इस जहाँ से जाएगा
याद रख बस वही तेरे पुरखों की
सही निशानी छोड़के जाएगा
प्रभु दरबार में गिनती सिक्कों की
नही आमाल की गिनी जाती है
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