हे तमस खाल,हे वपु विशाल,
मधुसूदन तुम कालों के काल।
तुम सन प्रीत रहे नित मोरी,
तकूं हूँ तुझे जैसे चंद-चकोरी।
बिन कृपा कहीं कुछ कह पाऊं,
है न इतनी मेरी मजाल।।
🌷🙌प्यारे जू 💕
बस तू ही तू
गोविन्द हरे गोपाल हरे....
इस मन के सब भ्रम जाल हरे🙏
मोहन माधव कृष्ण हरे....
-सनातनी_जितेंद्र मन