थके हारे मुसाफ़िर को आराम है वृक्ष,
पशु-पक्षियों की घनी छांव है वृक्ष,
ये बरगद का दरख़्त,
ये पीपलका पेड़, हैं वृक्ष ,
हर बचपन का गवाह है,
परिंदों का ठिकाना हैं,
वर्षा को आमंत्रित
करता हैं वृक्ष,
तुलसी,फुदिनहरा,
सोंठ, कालीमिर्च,
तंदुरुस्ती का रक्षक हैं वृक्ष,
गुलाब, चमेली और चंपा
इससे आंगन महकता,
इन्सान को सुख आराम देता,
कुछ नहीं मुंह से कहता,
कड़ी धूप हैं सहता,
वृक्ष के उपकार अनंत,
गीता, वृक्ष ही देवता ।
✍️© drdhbhatt...