आरती➖आरती➖शिव महादेव महाकाल भोलेनाथ शंकर शंभू➖ आरती ➖आरती
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शिव महादेव महाकाल भोलेनाथ शंकर शंभू संध्या ब्रह्मदत्त
संध्या वंदन सोमवार शिव शंकर भोलेनाथ शिव महादेव
महाकाल शंकर शंभू आपको ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी
भक्तों का संध्या प्रणाम नमन नमस्कार है आज सोमवार की है
शुभ संध्या है और यह आरती शिव महादेव की
जय शिव ओंकारा, हर जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अगी धारा || ॐ जय शिव ओंकारा।
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा।
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे || ॐ जय शिव ओंकारा।
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहे भोले शुभकारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा।
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव ओंकारा।
कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधरता।
जगकर्ता जगभर्ता जगपालनकर्ता || ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव ओंकारा।
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूरे का भोजन, भस्मी में वासा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा।
काशी में विश्वनाथ विराजत, नंदी ब्रह्मचारी।
नित उठ भोग लगावत, महिमा अति भारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा
त्रिगुण शिवजी की आरति जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा।
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अलागी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा।
प्रस्तुतीकरण ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़