#_तुम_मेरे_थे_ही_नहीं_ - SJT
तमाम कोशिशें की तुम्हें अपना बनाने की ,
तुमने ज़रा भी कोशिश नहीं की निभाने की ,
तुमने कहा तुम ही तय करोगे मंज़िल अपनी ,
तो क्या ज़रूरत थी मोहब्बत आजमाने की ,
अगर है मोहब्बत कोशिश करो बचाने की ,
जो है उसे कोशिश करो बाहर जताने की ,
कब तक कश्मकश में गुजरेगी यह ज़िन्दगी ,
ज़रूरत है अंधेरे में एक दीपक जलाने की ,