My Meaningful Poem...!!!
ज़हन तक तस्लीम कर लेता है
उसकी मासुमियत-भरी बरतरी
आँख तक तसदीक़ कर लेतीं है
उसकी खुसूसियत-भरी किरदारी
जहाँ-वालों को भी क़बूल होती है
उसकी महबूबियत-भरी हर शायरी
इश्क़ के बीमारों को तो भा जाती हैं
उनकी पसंदीदा,उसकी हर एक ग़ज़ल
रब ही जाने कि क्या ग़ज़ब जादू-सा हैं
उसकी सहूलियत-भरी हर लिखावट में
बातों बातों में ही प्रभु से राफ़ता होता हैं
उसकी अदामें हैं कितनीं अजीब सादगीं
बड़ी बड़ी बातें भी बिना बड़क-पन कर
हर दिल को मोह लेता है ये शायर दिल
“रुँह”से”रुँह”का नाता जोड़ना आसान
तो हरगिज़ नही,ब-ख़ूबी यह जोड़ लेता
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