ढेर सारे रंगो से भरा हुआ एक ख़्वाब में भूल जाता हूँ
याद फ़क़त रेहता है वो भौंरा पर फूल सारे भूल जाता हूँ
यक़ीनन कही पे गूँज रहे थे भौंरे
और भाग रही थी हवा...
चुराके ख़ुशबू
नाराज़ मेरी नींदो ने मुझे चुपके से बस यही कहाँ
ये बाग़बान ये आशियाँ ये कलियाँ और फ़ूल
तेरे प्यार से ही तो तू अपना दुनिया में फ़र्ज़ कभी ना भूल
-રેનીશ...