चाँद ओर आसमान का , रिस्ता गहेरा है
हर वक्त क्यु, बादल जैसा कोइ पहेरा है
चीर कर निकल गया , तिर ए नज़र दिल
घाव रुहाना भीतर ,सचमुच दिल गहेरा है
अंजाम क्या उनका,ओर अंदाज़ भी क्या?
रोशन चहेरे को करता , हलका सुनहरा है
छुकर गुल ए दिल , हसीन हुश्न महोबत से,
शबनमी का सफर , फूलों पर ही बसेरा है
भीगा भीगा हलका सा, अहेसास पलकों पर ,
आनंद नूरानी नज़रोंका , हसीन पहेरा है.
-મોહનભાઈ આનંદ