खुद की तलाश
बहुत ढूँढा पर खोज ना पाया मैं खुद को जहानो में
समझ आया है के मैं माँ बाप की रूह में निवास कर रहा हूँ
गिर चुके हैं लोग अपने मेरे नजरों से
कुछ मत कहो, मैं खुद ही इसका अहसास कर रहा हूँ
गया है कल कोई इस दुनिया से खाली हाथ,जाने कहां
फिर क्यूँ अ भगवान मैं खुद को इतना बदहवाश कर रहा हु
सुन नी हैं तो सुन ले कुछ लफ्ज़ मेरे अपने
बेवजह,बिन कारण मैं खुद को जिन्दा लाश कर रहा हूँ...
आती है किस्मत तो चली आ मेरी पनाहों में आज अभी
मैं मौत से पहले की धड़ी अब आभास कर रहा हूँ
आजकल एक काम ये अनोखा खास कर रहा हूं
मैं खुद में खुद की ही हर पल तलाश कर रहा हूँ
-Maya