आज संक्रांति के लड्डुओं में वो मिठास नहीं मिलती,,
जो माँ के गुड़ से सने हाथो से आती थी!!
वो खुशबू अब 'मौडयूलर किचन' में नहीं मिलती,,
जो महक गुड तिल भुनने पर सारे घर में भर जाती थी!!
क्यूँकी आज
'ब्राण्डेड पैकेट' शान दिखाते हैं रसोई की,,
पर तब माँ दो दिन पहले से ही तिल चटकाने में लग जाती थी!!
😊😊💖💖
-Khushboo bhardwaj "ranu"