तुम याद आते हो
सर्दियों में जब भी
गुनगुनी धूप उतरती है
कॉलेज लाइब्रेरी में,
तुम याद आते हो।
गर्मियों की शाम में
नहा कर जब देखती हूं
खुद को आईने में,
तुम याद आते हो।
बारिशों में जब
बजता है कोई पुराना गीत,
खड़ी होती हूं बाल्कनी में
तुम याद आते हो।
मिलती हूं जब पुराने मित्रों से
फेरे लगते हैं जब
बचपन की गलियों के,
तुम याद आते हो।
बहती है जब ठंडी बयार,
चीरती है जब बर्फीली हवा,
उठाती हूं कोई पुरानी किताब,
तुम याद आते हो।