हास्य व्यंग...3
रो रही थी दुल्हन एक अपनी विदाई में,
पति ने कहा प्लीज अब चुप भी हो जाओं तुम,
माता पिता भाई बंधु सखियों को याद कर,
भावना में आकर इस तरह ना बहना तुम,
पत्नी बोली संग साथी मेरा जो छुड़ाए लाएं ,
वैसी ही जुदाई जरा आप भी खुद ही तो सहना तुम,
और कल ही ना छुड़ा दूं मैं साथ परिवार से तो,
नाथ नारी जात पर कलंक है कहना तुम।
✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏