हास्य व्यंग मुक्तक...2
( कटाक्ष व्यंग )
इतना मझा तो नहीं कोई काम में, जितना मजा है आजकल दलाली में।
खाक कोई आपका बिगाड़ लेगा, कुछ यदि आप की पकड़ बन जाए कोतवाली में।
चाटुकारिता तारीफ कारि महामंत्र हो तो, नाम नहीं लेगा कोई आपका जमाने में।
और चुमते रहेंगे चरण भले आप धन्ध हो के शाम को ये पड़े रहेंगे नाली में।
✍️मनिष कुमार "मित्र" 🙏