आशियाना मेरा एक छोटा सा ,
जहां बसता मेरा पूरा संसार !
जरा सी बिखरी हुई छत और
एक दूजे के साथ से ढक जाति कमियां !
न आई बरसात तो छिपाई प्यास बूंदों से ,
सुबह अगर खाली पेट उठे
ना कभी सोए भूखे खुदा की दुआ से !
कुछ इच्छाओं को दबाए कई खामियां छुपाते ,
न भूले कभी मुश्किलों में मुस्कुराना !
खोट भरी नसीब में क्यों उसके आधार जीना ,
परिश्रम एकमात्र विकल्प सारी जड़ों का !
विश्वास खुद से ना डगमगाने दिया ,
नीतिमत्ता रख मन में संभव कार्य किया !
सच है प्रभु के घर देर है अंधेर नहीं ,
आज नहीं तो कल सही सफलता अवश्य आगमन करेगी !!
Urmi❤