My Wonderful Poem...!!!
यहाँ क़ीमतें कम हो जाती हैं
यारों अक्सर अपनीं ख़ुद कि ही,
किसी को खुद से भी ज़्यादा
क़ीमती मान अपना बनाने में..!!
रिश्ते ओर रास्ते तब ख़त्म हो
जाते जब पाँव नहीं बल्कि दिल,
की ज़मीन पर चलते चलते ख़्वाब
ही थक जातें है कठिन राहों में ..!!
डगर पनघट की कठिन हो या कि
हो काँटों-भरी सफ़र आसान तब
जब इरादें फ़ौलादी, हौसले बुलंद
ओर तमन्ना जवान हों सीने में..!!
ए नादान बंदे मुसाफ़िर बन के जब
आया ही हैं जहाँ में तो करनी कुछ
एसी कर जा, निशान कदमों के
एसे छोड़ जा कि रहे याद दिलों में..!!
रब के करम के जलवे तो है हर-सूँ
देखनेवालों की नज़र 🧿 ही ना देखें
ना परँखें ना तस्दीक़ करे कि क्या
रखा हैं कया समाया है पर्दे में..!!
वो जो मुझ में तुझ में बिराजमान है
जो अनदेखा अनसुना एहसास बन
छिपा बैठा हूआ हर इन्सानी बशर में
गोर से देखो तो ख़ुदा खुद ही है पर्दे में.!
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