तुम नही समझोगी मुझे,
न ही समझोगी मेरे एहसास,
न ही मेरे ज़ज्बात,
और न ही समझोगी मेरी दिल की उलझनों को ,
जो तुम्हारे लिए बेताब रहते हैं हरपल,
तुम नही समझोगी की तड़प क्या होती है ,
तुम नही समझोगी जुदाई,
और टूटते दिल के आह को भी तुम नही समझोगी,
कैसे हुआ कैसे हुआ 👉"तू"👈इतना जरूरी कब और कैसे हुआ
तुम नही समझोगी
-Avneesh Mishra