वो प्यारा शख्स
अन्जान था जो अब साथ चलने लगा है।
वो अब तन्हाई मे मेरा हमसफर बनने लगा है।
नहीं आती समज ये दुनियादारी मुझे,
वो प्यारा शख्स मुझे और प्यारा लगने लगा है।
वैसे तो बडी भीड रहेती है उसके साथ,
वो हमे अब हमारा बस हमारा लगने लगा है।
झुक जाती है मेरी नज़रे वो आंखें नही फेरता,
वो हमे तकता है और बस हमे ही तकने लगा है।
अक्सर कहेता है मैं दिलमें नहीं पर दिल हु,
वो बन के मेरी धडकन अब धडकने लगा है।
-Chãndñi Shãh