एक मुट्ठी की;अमूल्य-कहानी ...
एक मुट्ठी आसमान-की;जिसमें उड़ने के सपने छिपे हैं
एक मुट्ठी धूप-की;जो रिश्तों-को सेक रही है
एक मुट्ठी मिटटी-की;जो सौंधी-सौंधी खुश्बू दे रही है
एक मुट्ठी चावल-की;जो विदाई पर बेटी-का-प्यार बरसा रही है
एक मुट्ठी शिशु-की;जो ममता-का-स्पर्श महका रही है
एक मुट्ठी बंद लकीरों-की;जो किस्मत बदल रही है
एक मुट्ठी लाल-गुलाल-की;जो प्रेम-में,सराबोर कर रही है
एक मुट्ठी ज़ज़्बे-की;जो योद्धा को आगे बढ़ाती है
एक मुट्ठी अनाज-की;जो भूखे-को-तृप्त कर जाती है
एक मुट्ठी आस्था-की;जो विशवास बढ़ाते हैं
एक मुठी लौ-की;जो आशा-का-दीप जलाते हैं
एक मुट्ठी शब्द-छंदों-की;जो कविता को सजाती है
एक मुठी राख-की;जो जीवन को सफल बनाते हैं
मंजरी शर्मा