तेरे बिन मेरा हाल बताना चाहती हूं; मगर
शायद ये बात लब्ज़ों में बयां न हो पाए..
तेरे सिवा इस रब से मांग भी क्या लूंगी;
अब तू मिल जाए मुजे; ये ही है दुआएं ..
तनहा ये दिल तेरे बिन टूट सा चुका हैं;
तेरी यादें हमें; यूं ही बिना वजह रुलाए..
सोचा नहीं था एकदिन बिछड़ जाएंगे;
वक्त ने करवट बदल दी, हम जुड़ा हो गए..
वो रह गई जो अधूरी बाते- मुलाकाते;
बताएंगे तुम्हें अगर किसी राह पर मिल जाए..
उस मोड़ पर ढूंढने का रहे है अब तुम्हें;
जहां टूट के बिखर चुकी वो सारी राहे..
-Parmar Jagruti