हर पल इम्तिहान लेती है और
कुछ न कुछ सीखा जाती है
ज़िंदगी हर पल नई राह दिखाती है
इक पल में हंस- रो पड़ते है
मगर ये हमें जीना सिखाती है
ज़िंदगी हर पल नई राह दिखाती है
माना कि हमारा चाहा वो नहीं करती
मगर आगे बढ़ने के लिए मनाती है
ज़िंदगी हर पल नई राह दिखाती है
जब कभी भी हारकर थक जाते है
तब वो ही हमें संभालती है
ज़िंदगी हर पल नई राह दिखाती है
सफर हो या मंज़िल हो हमारी
सब खुबसूरत ये ही तो बनाती है
ज़िंदगी हर पल नई राह दिखाती है
-Parmar Jagruti