हे मोबाईल वैसे तो तुम मुट्ठीमे समा जाते हो, मगर सारी दुनियाको तुने मुट्ठीमे कर लिया है ।
आदत थी हमे सर उठाके जीनेकी
तुने सर ज़ुकाके जीना शिखा दिया ।
तुने सभीको अपना गुलाम बनाके रख दिया है। तुने पापाका प्यार, माँ की ममता, पत्नीसे प्रेम, और बच्चोसे बचपन और समाजसे संस्कार छीन लिए है।
मुज़े तो मरने का भी time नही है कहने वाले तेरे साथ घंटो तक बैठते है ।
बस अब हमे तेरी जंजीरो से छोड दे ।
#priten 'screation#