ख़्वाब मेरे हैं
तो हौसला भी मेरा होगा
इनको पाना है
तो कुछ खोना भी होगा
थोड़ा रुककर ही
मगर मुझे चलना तो होगा
संघर्ष की आग में
मुझे रात - दिन जलना होगा
जो छूना है आकाश मुझे
हौसलों को पर देना तो होगा
धीरे - धीरे ही सही
गिरते - गिरते उड़ना तो होगा
-अनुभूति अनिता पाठक