My Wonderful Poem..!!!
वह रुख़्सत हुआ तो
आँख मिला कर भी नहीं गया
वह गया तो क्यूँ गया
यह भी बता कर नहीं गया
आज भी यूँ लग रहा है
जैसे अभी वह लौट आएगा
ख़ुदा का बंदा जाते हुए
चिराग़ तक बुझा के नहीं गया
घर में है आज तक भी
वही की वही ख़ुश्बू बसी हुई
अब भी लगता है यूँ कि
जैसे वो आ के कभी नहीं गया
परछाईंयाँ भी गवाही देगी
दिल के दामन पे दस्तक दे गया
हल्के फुलके लहजे में ही
गहराईयों को छूती बात कह गया
ग़ज़ब हुनर का मालिक हैं
प्रभुजी की तस्वीर साक्षात कर गया
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