अनपढ़ नहीं हूं साहब
थोड़ा किस्मत ने साथ नहीं दिया
और थोड़ा नेताओं का साया है
बिहार बनाने वालों ने ही
बिहार को गर्त में डुबाया है
गरीबी, भुखमरी, की कहानी
वहां आम है
बेरोज़गारी का ऐसा आलम है
बेरोजगारों पर कोहराम है।
आत्मसम्मान तक गिरवी
रख आया हूं
पढ़ पढ़ कर किताबों
को घर में सजाया हूं
पर अब तक न कोई
जिंदगी में मुकाम आया है
अच्छा दिन
सच पूछो तो
अच्छा दिन हमलोगों
का अब तक न आया है।।
Arjuna Bunty,
-Arjuna Bunty