#Kavyotsav
#Navratri
करोगे पूजा माँ की तो
माँ प्रसन्न हो जाएगी
करोगे सम्मान नारी का तो
माँ स्वयं चलकर आएगी
मिटा दो भेद अपने मन का
जो हृदय में उपजा है
प्रेम, त्याग साहस के परिवेश में
कोई नारी- सा ना दूजा है
और कितने प्रतिमान रखें अब
इस दुनिया के दरबारों में
कब तक सीता देगी परीक्षा
सच को सच बतलाने में
किसी रावण में इतना जोर नहीं
जो कुटिया से उठा ले नारी को
अब किसी श्राप का इतना शोर नहीं
जो शिला बना दे सुकुमारी को
अब नारी इतनी कमजोर नहीं
जो हार जाए हालातों से
बनकर शक्ति का रूप ये नारी
लिखेगी किस्मत अपने ही हाथों से।।
✍नेहा शर्मा