देवी शैलपुत्री जी की आरती
माता दुर्गा का आज प्रथम नवरात्रा है और यह है संध्याकाल आरती ब्रह्मदत्त
देवी शैलपुत्री जी की आरती
देवी शैलपुत्री जी की आरती
शैलपुत्री माँ बैल असवार।
करें देवता जय जय कार॥
शिव-शंकर की प्रिय भवानी।।
तेरी महिमा किसी ने न जानी॥
पार्वती तू उमा कहलावें।
जो तुझे सुमिरे सो सुख
पावें॥
रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।
दया करें धनवान करें तू॥
सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती जिसने तेरी उतारी॥
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥
घी का सुन्दर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के॥
श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।
प्रेम सहित फिर शीश झुकायें।
जय गिरराज किशोरी अम्बे।
शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥
मनोकामना पूर्ण कर दो।
चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़