मौज ए दिल , गुजरे लफ्ज जजबात है
दिल की हमदर्द से , दिल्लगी भरी बात है
दर्द का होना लाजिमी ,जख्म की भी यही
कोइ पसंद, ना पसंदगी की खरी बात है
मिले कोइ ,मिटकर रहे फितरत ए फ़न भी
कोई हवा का झौका , सफर की बात है
बेबयाँ हुं ,बेबस कतई नही अपने हुनर से
उलफत की अदायगी ,इन्सानियत बात है
खुश रहो , मिजाज ए महोबत दुनियादारी में
हकीकत होनहार हुश्न ,ईबादत की बात है
-મોહનભાઈ આનંદ