My Soulful Poem...!!!!
यारों चलो आज सब पुरानी रंजिशें
“भूल” कर नई ज़िंदगी जी ली जाएँ
जिस्म के हर ज़र्रे ज़र्रे में रेंझेँ रेंझेँ में
खुदा की रहमत ख़ुद ही समा जाए
हम सजदे में रहें और सजदे में ही
यारों हमें रब से मोहब्बत हो जाए
हुस्न-ए-जहाँ की वफ़ादारी में तो
यारों रांझा मजनू फ़रह खो-से गए
हुस्न-ए-हक़ीक़ी में भी यारों बचीं
मुख़्तसर-सी जीदगीं जी ली जाए
ख़ौफ़ज़दा ग़मज़दा दहशतगर्दों की
दहलीज़ पर खुद ही की परख की जाएँ
डर-ओ-ख़ौफ़ से परे भी एक जहाँ है
प्रभु-परस्ती का आओ उसी में खौं जाएँ
रब कहता है क़ुरान गीता बाइबल में
तुं एक कदम आ में सौ कदम आऊँगा
यारों चलो आज कुछ कदम आगे बढ़
ग्रंथों में कही गई बातको आज़माईं जाएँ
फ़लसफ़ा फलस्वरूप जो भी होगा बस
आज के दौर में यही सच्चा साथी होगा
आज प्रभु से प्रार्थना के नाम ही सही यारों
दोस्ती-व-मोहब्बत सच्चे दिलसे कि जाएँ
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