बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ,यह अब बात ग़लत दिखती है,
दलित बेटी की लाश जब खेत में पेट्रोल से जलाई दिखती है,
किस मुंह से महिला दिन अब हमारा यह देश मनाएगा?
किस तरह उजड़ा यह परिवार अपनी बेटी को भूलाएगा?
बालात्कार की घटनाओं ने करदी है समाज की नींद हराम,
याद है वह रात जब निर्भया के लिए हुआ था देश बदनाम,
अब सिर्फ विकास दर ही नहीं,देश में चरित्र भी गीरा है,
बेरोज़गारी, महामारी से तंग जनता को यह रंज मिला है,
देशभक्ति की बातों से कभी देश खुशहाल बन सकता नहीं,
महिला सुरक्षा बिना, महिला का सन्मान हो सकता नही
-Chandni Desai