जो जुल्म करया था गौरयां नै माँ
उनको मै धूल चटा चाल्या,
मै नहीँ रहया तो ग़म ना करिये
मेरे हिन्द नै आज़ाद करा चाल्या,
सदियों तक पुरखें याद करेंगीं
मै कौम का फ़र्ज निभा चाल्या,
भगतसिंह सा कोख़ मै जामै
ऐसा कर्म धर्म का कर चाल्या,
इंकलाब बोल फांसी चढ़ गया माँ
तेरा पहन बसंती चोला चाल्या.....!
कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"