तेरी साँसों की खुशबू ही मुझे तेरे पास लाती है,
जब कभी हवा चलती है तो तेरी याद आती है।
कैसा होगा हाल तेरा ये सोच के दिल घबराता है,
पर नफरत सी हो जाती है जब तेरा कहा कुछ याद आता है।
तेरी यादे कभी हँसाकर तो कभी रुलाकर चली जाती है,
जब हवा चलती है तो मुझे तेरी याद आती है।
इन हवाओं की तरह तू भी मुझे छूकर जाया करती थी,
इन्हींके झोको की तरह तू भी तो इठलाया करती थी।
तेरे दिए जख्मो से मेरी रूह कांप जाती है,
जब हवा चलती है,तो तेरी याद आती है।
अपने सपनो की चिता पर हाथ सेका करता हूँ,
न चाहते हुए भी तेरा चेहरा चाँद में देखा करता हूँ।
दिल रो पड़ता है, अब जो सामने किसी के प्यार की बात आती है,
कि क्या करूँ….
जब हवा चलती है तो तेरी याद आती है।।
shrivek kumar