ख्वाबों से न जाओ के अभी रात बहुत है
पहलू में तुम आओ के अभी रात बहुत है
जी भर के तुम्हें देख लूं तस्कीन हो कुछ तो
मत शमा बुझाओ के अभी रात बहुत है
कब पोह फटे कब रात कटे कौन यह जाने
मत छोड़ कर जाओ के अभी रात बहुत है
रहने दो अभी चांद सा चेहरा मेरे आगे
मदिरा और पीलाओ के अभी रात बहुत है
कट जाए यूं ही प्यार की बातों में हर एक पल
कुछ जागो जगाओ के अभी रात बहुत है
good night