#दृश्य
वों सुहावने दृश्य जों कुछ कह गए ,
मेरे पटल पर एक तस्वीर छोड गए ।
कभी कभी उस नगरी के फेरे कर आता हूँ ,
जब कभी इन आँखों को मूँद लेता हूँ ।
इस भीड़ से तो मेरी यें नगरी भली ,
जहाँ चैन है सुकून है मदहोशी का आलम है।
जीवन की इस भागदौड़ में यही तो वों जरिया है ,
जहाँ दो घड़ी भर के लिए फिर से मैं जीवंत हो जाता हूँ।