प्रेम कहानी तेरी मेरी,
सागर,पानी नाँव के जैसी बहती जाए।
लहर लहर में शीतल ध्वनिया,
जैसे हम गाने कोई गाए।
नाँव की भांँति रुकते चलते,
सागर पार कोई ले जाए।
प्रेम कहानी तेरी मेरी,
सागर,पानी नाँव के जैसी बहती जाए।
मझधारे में डोलती नैया,
माझी कोई बचाने आए।
जीवन सागर में ओ साथी,
हाथ थामने तू आ जाए।
प्रेम कहानी तेरी मेरी,
सागर,पानी नाँव के जैसी बहती जाए।
एक तरंग आए मिट जाए,
जैसे सिलसिला ये सदियों का।
हम तुम मिलकर दोहराए,
एक साथ ही चलते जाए।
प्रेम कहानी तेरी मेरी,
सागर,पानी नाँव के जैसी बहती जाए।
- डॉ. सरिता (मानस)