#आज की प्रतियोगिता "
# विषय .एक समान "
# कविता **
जीवन में सब दिन ,होत न एक समान ।
कभी सुख की ,छांव मिलेगी ।।
कभी दुःख की ,तपन मिलेगी ।
कभी खुशीयों की ,बहारें खिलेगी ।।
कभी कांटों की ,सेज मिलेगी ।
कभी अपने ही ,दिल को खुश करेगें ।।
कभी अपने ही ,चौधार आंसू रुलायेगें ।
कभी तख्त और ताज ,मिलेगे ।।
कभी पल में ,धूलधूसरीत होना पडेगा ।
कभी लोग ,आँखों पर बिठा लेगें ।।
कभी लोग गिन गिन ,के जुते मारेगें ।
कभी दिलों में ,प्रेम के फूल खिलेगे ।।
कभी बिछड़ने के ,गम नशीब होगें ।
जग की विचित्र करनी ,सब दिन होत न एक समान ।।
-Brijmohan Rana