एक शाम जो उस ओर ले चली जहा इस जहां की सबसे ज्यादा खूबसूरती निखरती है
एक शाम जो धीरे धीरे चली तारो की जगमगाती रात की ओर....
एक शाम जो चली उस चांद की बरसती चांदनी की ओर...
एक शाम जो बढ़ चली तेज रफ्तार से... ले चली उस खूबसूरत जगह इस सच्चे बादशाह की ओर उस पर्वर दीगार के नजदीक जहा मन शांत है और खूबसूरत पल में लबरेज़ है जिसके पास लेकर आती हूं हज़ारों शिकायत और करती हूं मन्नत पर वहां जाकर सब दुःख और तकलीफ भूल जाती हूं #goldan tempal...... रितु की कलम से✍️