सुंदर सुशील सुबह बुधवार में आपका स्वागत है बीते मंगलवार हनुमानजी की तरफ से और आज श्री गणेश जी की तरफ से ब्रह्मदत्त
वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ! निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा!!
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
मनोजवं मारुततुल्यवेगमं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
-ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़