तेरा हुस्न ही काफी है किसी को बहकाने के लिए
मेरी रूह बेचैन है तेरे बदन को सहलाने के लिए।
कहते है इसे इश्क़ तो मंजूर मुझे सारी शर्तें है
तेरी कातिल नज़र ही काफी है जान जाने के लिए।
नशा की आदत ही नहीं थी मुझको अब तक
तेरे होठ ही काफी है नशा चढ़ाने के लिए।
और यूं अपने हुस्न को दिखा कर अंगड़ाई न ले
तेरी याद ही काफी है मुझे आशिक़ बनाने के लिए।।
#Arjuna Bunty