# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .गति "
# कविता ***
गति के गीत ,गाते चले ।
जीवन को ,खुशहाल बनाते चले ।।
गतिशील ही ,मंजिल सुहानी पाये ।
गतिहीन जीवन में ,आंसू बहाये ।।
गतिशील ही ,सुहाने सपने देखे ।
गतिशील ही ,जीवन अपना महकाये ।।
गति से ही मंजिल ,पल में मिले ।
गतिशील को सब ,आँखों पर बिठाये ।।
गतिशील ही ,सबके दिलों में बसे ।
गति से ही जीवन ,खिलखिल जाये ।।
गतिविहीन जीवन ,मृत जैसा लागे ।
गति ही ख्वाब सुनहरे ,सजाये ।।
संसार गतिशील ,की पुजा करे ।
गति से ही जीवन ,स्वस्थ निरोगी रहे ।।
गति से ही ,जीवन बगिया महके ।
कहता बृजेश गति नहीं ,तो जीवन बोझ सा लागे ।।
-Brijmohan Rana