ये बारिश भी बार बार आकर उसकी याद दिला रही है,
कहा मैंने उन बूंदों से क्यूं सब गीला कर रही हो,
वो भी जैसे ठिठककर बोली अरे पगली तुम कहती हो गीला कर रही हो,
पर हम तो बार बार तुम्हीं को भरी बरसात मे भी सुखा देखकर भिगाने आते है।
-pandya Rimple
@shabdo_ni_suvas_