जय बजरंगबली हनुमान जी एवं शनिदेव जी आपको ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
एवं सभी भक्तों का नमस्कार है
शनि गायत्री मंत्र पाठ : औम कृष्णांगाय विधमहे रविपुत्राय धीमहि
तन्न: सौरि: प्रचोदयात ||
वैदिक मंत्र
१) ॐ शं शनैश्चराय नमः
२) ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु न
३) ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:
साथ में जाने पौराणिक मंत्र:
इस मंत्र के माध्यम से शनिदेव और उनके परिवार की जानकरी दी
गयी है और उनको नमन किया गया है |
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्"
हिंदी में अर्थ नीलांजनसमाभासं मंत्र का
जो नीले और काले पर्वत की तरह चमकिला है, सूर्य के पुत्र और यम
के बड़े भाई
छाया उनकी माँ और मार्तण्ड (सूर्य) के पुत्र , ऐसे शनिदेव को मैं
नमन करता हूँ ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़